बैंगलोर, 14 अगस्त 2018। पाकिस्तान की जेल से 36 वर्ष बाद सकुशल लौटे गजानन्द शर्मा की घर वापसी की खुशी में विप्र फॉउंडेशन जोन-18 के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बैंगलोर में एक कार्यालय में एकत्र होकर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। इस मौके पर विप्र फॉउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीकांत पाराशर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश के लिए और विशेषकर विप्र फाउंडेशन के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि इतने वर्ष बाद विप्र फाउंडेशन के संरक्षक एवं सांसद रामचरण बोहरा और भारत सरकार के निरंतर प्रयास से एक बेगुनाह भारतीय को आज़ादी मिली। पाराशर ने गजानंद की रिहाई पर भारत सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विप्र फाउंडेशन के संरक्षक एवं सांसद रामचरण बोहरा, विफा पंजाब के अध्यक्ष सहदेव शर्मा की अहम भूमिका के प्रति उनका आभार जताया। विफा जोन-18 के अध्यक्ष मणिशंकर ओझा ने बताया कि पाकिस्तान जेल के अंदर सालों से कितने ही बेगुनाह भारतीय कैद हैं जिनके लिए हमारा संगठन समय समय पर बिना रुके हुए रिहाई के लिए कोशिश जारी रखेगा। कार्याध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से विफा की ओर से गजानंद शर्मा की रिहाई के लिए अथक प्रयास किए जा रहे थे। जोनल सचिव जगदीश आचार्य ने बताया कि गजानंद शर्मा को मंगलवार को उनके निवास पर ले जाया गया। सभी परिजनों के साथ गजानंद शर्मा की धर्मपत्नी मखनीदेवी के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी। 36 वर्षों के बाद अपने घर पहुंचे गजानंद शर्मा को देखकर पूरा परिवार भावुक हो उठा। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा की अगुवाई में विप्र फाउंडेशन के सैंकड़ों कार्यकर्ता गजानंद शर्मा के घर पहुंचे। विप्र समुदाय में भरपूर उल्लास दिखाई दिया। मंगलवार शाम को देश के 72 स्थानों पर एक साथ 7 से 7.30 बजे के बीच विप्र फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं द्वारा गजानंद शर्मा की रिहाई को आजादी के जश्न के रुप में मनाया गया। इस मौके पर सदस्यों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। विफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीकांत पाराशर व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरिराम सारस्वत, जोन 18 के अध्यक्ष मणिशंकर ओझा, कार्याध्यक्ष सुरेश शर्मा, उपाध्यक्ष विनोद ओझा, सचिव जगदीश आचार्य, सहसचिव देवेन्द्र शर्मा, भीकमचन्द सारस्वत, राजेन्द्र तिवाड़ी, रामनिवास पारीक आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।