बांसवाड़ा,25 मार्च 2020। कोरोना की महामारी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया हैं। एक तरफ कोरोना का खतरा तो दूसरी तरफ खाने के लाले हैं। कुछ इसी तरह का दृश्य राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर के सुदूर क्षेत्रो का हैं जहां लाखों लोग गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों से इस विपदा में घर लौट आएं हैं। यह सिलसिला अभी थमा नहीं हैं। लोग पैदल ही सीमा पार कर पहुंच रहे हैं। सरकार, जनप्रतीनिधि, स्वयं सेवी संगठनों के अपने -अपने स्तर पर जुटे होने के बावजूद बहुत से लोग भूखे प्यासे हैं। सुदूर गांवों में प्रशासन की भी पहुंच नहीं हैं ऐसे में स्थानीय युवाओं ने ही अपने आपको कोरोना के खतरे से बचाते हुए ये जोखिम उठाई हैं। बांसवाड़ा जिले की गढ़ी तहसील के एक छोटे से गांव कुशलकोट में विप्र फाउंडेशन के युवा कार्यकर्ता सर्वश्री राजेन्द्र उपाध्याय, सुरेश उपाध्याय, कुनाल उपाध्याय,पीयूष पंड्या, प्रदीप उपाध्याय, जितेंद्र उपाध्याय, मयंक उपाध्याय, उमंग उपाध्याय, अजय उपाध्याय, कपिल उपाध्याय की टीम जुटी हुई हैं तो इसी तरह मोटी बस्सी, अरथूना, आंजना आदि गांवों में भी हमारे विप्र युवा सक्रिय हैं जो अपने बलबूते पर खाने आदि की व्यवस्था में जुटे हैं। कोरोना और भूख से बचाने के पुण्य जतन में जुटे युवाओं का कोटि- कोटि वंदन।