दीपावली की रामा-श्यामा करने हम जब श्री कुलदीप राजपुरोहित के कार्यालय पहुंचे तो हमें अपने यहां आया देख अपनत्व से कुलदीपजी की आँखें भर आयी

ज्वाईन विफा