जयपुर, 22 जुलाई। नोहर के पवन व्यास हत्याकांड को लेकर सोमवार को राज्य विधानसभा पर हुए जबर्रदस्त प्रदर्शन ने इस मुद्दे को फिर गरमा दिया। विधानसभा के बाहर और भीतर आज इसी मामले की गूँज रही। विप्र फाउंडेशन के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व मृतक पवन व्यास के पिता रामस्वरूप व्यास और विफा के प्रमुख पदाधिकारी कर रहे थे। कई अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन में उपस्थित दर्ज करा अपना समर्थन दिया। प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट सर्किल से विधानसभा पर प्रदर्शन के लिए रैली के रूप में यहां पहुंचे थे। रैली में प्रदेश के कई इलाकों से भी लोग अपना समर्थन जताने आए थे। रेली में पवन व्यास के हत्यारों को गिरपïतार करने सहित कई तरह के नारे लिखे तख्तियां लिए लोग चल रहे थे। मृतक के पिता रामस्वरूप व्यास, विफा युवा के मुकेश रामपुरा, विकास डुमोली आदि 15 सदस्य तो नोहर से जयपुर तक की 311 किमी थका देने वाली न्याय यात्रा लेकर यहां पहुंचे हैं। जयपुर रैली का नेतृत्व न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अशोक कैशोट, प्रदेशाध्यक्ष पं.देवीशंकर शर्मा, विफा युवा अध्यक्ष के सुनील उदईया, विफा के राष्ट्रीय पदाधिकारी पवन पारीक, विनोद अमन, विष्णु पारीक आदि कर रहे थे। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़, कांग्रेस विधायक डॉ राजकुमार शर्मा, अमित चाचाण, राकेश पारीक, भाजपा विधायक धर्मनारायण जोशी, अभिनेष महर्षि, संजय शर्मा, रामलाल शर्मा, भाकपा विधायक बलवान पूनिया आदि ने भी प्रदर्शनकारियों के पास पहुंच अपना समर्थन जताया। प्रदर्शन के बाद कांग्रेस-भाजपा-भाकपा के इन प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में सरकार से विधानसभा भवन वार्ता के लिए पहुंचे जहां सरकार ने एसओजी का अस्थाई कैम्प नोहर में लगवा जांच में तेजी लाने सहित शीघ्र हत्याकांड के पर्दाफाश का भरोसा दिलवाया। सरकार की ओर से भी यह भी बताया गया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करण शर्मा के नेतृत्व में 24 सदस्य टीम को लगाया है। इस टीम की ओर से डेढ़ दर्जन लोगों को सूचीबद्ध कर गहन पूछताछ की गई हैं। हत्याकांड से जुड़े सबूतों को खंगाला जा रहा हैं। हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले को 50,000 रुपए का इनाम भी रखा गया हैं। इन सभी मांगों को प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने न केवल सुना बल्कि हाथो हाथ पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी दिए। वार्ता के बाद पिता रामस्वरूप के साथ अमित चाचन व अभिनेष महर्षि ने सरकार को कुछ समय देते हुए जयपुर में अनशन को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा की। ब्राह्मण समाज द्वारा आज तहसील से लेकर राजधानी तक, बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, सड़कों से लेकर विधानसभा तक, पार्टियों, संस्थाओं, उपजातियों के बंधन से ऊपर उठकर विप्र फाउंडेशन के बैनर तले जिस प्रकार का सामंजस्य दिखाया गया यह आने वाले दिनों में निश्चित ही एक नयी दिशा का संकेत है।