जय श्री परशुराम, घर-घर से चलो #विप्र_महाकुम्भ, सागवाड़ा में शामिल होने का ऐसा उत्सव की दुपहिया वाहन की संख्या ही 15,000 से ज्यादा थी जिससे जो बन पड़ा ,युवा पीढ़ी इतनी सचेत की पीले चावल हर घर की ड्योडी पर भी रख आएं ।
कार, बस, ट्रेक्टर ऑटो हर वाहन सभी सागवाड़ा की ओर बढ़ रहे थे ।शायद ही कभी दिव्य आयोजन फिर कभी हो ।
पहली बार परशुराम वंशज ने10 दिन के भीतर दूसरी बार इतिहास रचने वाली स्थिति उत्पन्न कर दी है। जयपुर के बाद सागवाड़ा #विप्र_महाकुम्भ ।
शान्ति और समरसता का प्रतीक बन यह सैलाब उमड़ा जनसैलाब उमड़ पड़ा जाते समय एक साथ पुलिस प्रशासन से जुड़े हुए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्थान में इतना अनुशासन और संस्कार आचरण दूसरा नही देखा ।
स्तुतय,वंदन अभिनंदन—–!!
कोटा, राजसमंद, बांसवाड़ा ,उदयपुर से अधिक से अधिक संख्या मे महिलाओं और विप्र युवा पीढ़ी ने महाकुंभ में उत्साह से उपस्थिति दर्ज कारवाई l सभी इन विप्रो को कोटि नमन l
मिला तो खाया, नही मिला तो पानी की बोतल के लिए भी कही कोई झीना झपटी नही। न लाइन, नही कोई फसाद निसंदेह निशब्द अदभुद संगम।
जब कि 15 से 20 किलोमीटर दूरी के बहुत से विप्र भाई बहिन आज अपनी उदासीनता से समय नहीं निकाल पाए l
हमे 200 से 300 km दूरी से आए विप्र साथियो से कोई सबक लेना चाहिए l आज के भव्य विप्र महाकुंभ में न आ पाए वो अभागे थे l
आज के इतिहास के साक्षी सभी विप्रो को हार्दिक बधाई l