विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा की मार्मिक अपील।
कोलकाता, 19 अप्रैल 2021। विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा है। संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति जाँच में नेगेटिव आ रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे यह वायरस हवा में घुल मिल गया है। देश में मेडिकल फैसिलिटी की जो सूचनाएं प्राप्त हो रही है वो डरावनी है। अभी जिस गति से संक्रमण फ़ैल रहा है, आने वाले कुछ ही समय में हॉस्पिटल में बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीज़न, दवा के लिए लोग तरस जायेंगे। ईश्वर न करें कि मौत के ऐसे आंकड़े देखने पड़ जाये, जिनके बारे में सोच कर ही रूह कांप जाये। इस परिस्थिति से बचने-बचाने का शायद सबसे कारगर उपाय है लॉक डाउन। शासकों की सौ अन्य दुविधाएं हो सकती है पर हम स्वयं अपने-आपको आइसोलेट तो कर ही सकते है। यह चिंता जायज है कि घर बैठे जीविका कैसे चलेगी। याद रखें जीविका तो तब चाहियेगी जब जीवन रहेगा। चालीस साल से काम उम्र के लोगों, खासकर बच्चों में जिस तेजी से रोग फ़ैल रहा है, मौतें हो रही है, वह आंकड़ा पता करलें, दिल दहल जायेगा। पहली लहर के वायरस की मारक क्षमता कम थी और लोगों में भय ज्यादा था। अब ठीक उल्टी स्थिति है। मेरे निजी अनुभवों के आधार पर उपरोक्त वर्णन किया है। आप जानते है कि मैं नकारात्मकता से कौसों दूर रहता हूँ, लेकिन जो दिख रहा है उसे छुपकर झूठी बहादुरी दिखाना भी घातक हो सकता है। कृपया सतर्क रहें। मास्क ठीक से पहने, लोगों से शारीरिक दूरी बनाये रखें, अनावश्यक इधर-उधर घूमने से बचें, बहुत ही जरुरी हो तभी लोगों से मिले या उन्हें बुलाये। स्थितियों को नजरअंदाज नहीं कर, नजरदारी रखें। यथासंभव लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। घर में कोई संक्रमित हो जाये तो घबरायें नहीं, उन्हें 14 दिन कड़े आइसोलेशन में रखें। वायरस मर जायेगा। देशी उपचार भी सहयोगी है, जैसे ऑक्सीज़न की कमी होने पर उल्टा सोना, प्राणायाम करना, सन्तरे का सेवन, पंचगभ्य आदि लेना उपयोगी है। भगवान श्री परशुराम समस्त देशवासियों को इस कोरोना रूपी कष्ट से सुरक्षित रखे, ऐसी प्रार्थना है।
-बुद्धिप्रकाश