कोलकाता, 11 दिसंबर 2018। विप्र फाउंडेशन ने राजस्थान के राजनैतिक परिदृश्य में एक सजग प्रहरी की भूमिका का निर्वहन करते हुए विगत दिनों संभागीय रायशुमारी, प्रेस कॉन्फ्रेंसेस, ग्यारह सुत्रिय मांग पत्र, चैतन्य रथयात्रा आदि के माध्यम से दृढ़तापूर्वक ब्राह्मण समाज का पक्ष रखा। परिणामस्वरूप दोनों राजनैतिक दलों द्वारा कुल 41 ब्राम्हण उम्मीदवारों (कांग्रेस 21 व भाजपा 20) को प्रत्याशी बनाया गया। जो कि विगत कई वर्षों की सर्वाधिक संख्या रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ से भी ४ ब्राम्हण उम्मीदवारों (कांग्रेस ३ व भाजपा १) को प्रत्याशी बनाया गया। समाजजनों के सहयोग एवं ब्राह्मणहित चिंतक, कुशल रणनीतिकार, लोक-लाडले, विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक प्रिय श्री सुशील जी ओझा के दूरदर्शी, सर्व-स्वीकार्य एवं प्रखर नेतृत्व तथा संस्था के दायित्वशील लोगों की खास सक्रियता रूपी टीम वर्क से ही यह कठिन कार्य संभव हो पाया। ख़ुशी की बात है कि इनमें से २४ उम्मीदवारों ने अपनी अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए जीत हाशिल की है। कांग्रेस (राजस्थान-९, छत्तीसगढ़-३) भारतीय जनता पार्टी ((राजस्थान-१०, छत्तीसगढ़-१) और राजस्थान में १ निर्दलीय प्रत्याशी ने हाशिल की है। राजस्थान में जीते हुए कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी – डॉ. सी.पी.जोशी, नाथद्वारा, श्री भंवरलाल शर्मा, सरदारशहर, प्रो. बी. डी. कल्ला, बीकानेर, श्री महेश जोशी, हवामहल, डॉ. रघु शर्मा, केकड़ी, श्री राजेन्द्र पारीक, सीकर, डॉ.राजकुमार शर्मा, नवलगढ़, श्री कैलाश त्रिवेदी, सहाड़ा, श्री राकेश पारीक, मसूदा। भाजपा प्रत्याशी – श्री धर्मनारायण जोशी, मावली, श्रीमती सूर्यकांता व्यास, सूरसागर, श्री अशोक डोगरा, बूंदी, श्री विट्ठलशंकर अवस्थी, भीलवाड़ा, श्री रामलाल शर्मा, चौमूं, श्री संदीप शर्मा, कोटा दक्षिण, श्री अविनेष महर्षि, रतनगढ़, श्री गोपाल खंडेलवाल, मांडलगढ, श्री संजय शर्मा, अलवर, और श्री छगनसिंह राजपुरोहित, आहोर। राजस्थान से निर्दलीय विजयी श्री राजकुमार गौड़, श्रीगंगानगर। छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की टिकट पर विजयी प्रत्याशी – विप्र फाउंडेशन के मुख्य सरंक्षक श्री सत्यनारायण शर्मा, रायपुर ग्रामीण, श्री विकास उपाध्याय, रायपुर शहर, श्री अरुण वोरा, दुर्ग और भाजपा प्रत्याशी श्री शिवरतन पुरोहित भटपारा। अभी तो यह शुरुआत भर है, लम्बा रास्ता तय करना है। विप्र समाज में इस नव स्फूर्ति व चैतन्य को हमें निरंतर जीवंत व जागृत रखना है। अब इन प्रत्याशियों में से ज्यादा से ज्यादा लोग जीत कर विधानसभा पँहुचें, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिये। उपरोक्त स्थानों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी ईमानदार, समरस, विकाशशील व विप्र हितैषी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के प्रयत्न में आज से ही जुट जाना है। आपका अपना विप्र फाउंडेशन एक प्रहरी, प्रेरक, संरक्षक, पथ प्रदर्शक यानि जब जैसी भी जरूरत पड़ेगी उसी अनुरूप सदैव समाज हित में साथ नजर आयेगा। आईये, हम सब मिलकर एक नये युग का अभ्युदय करें।