विप्र फाउंडेशन जोन १७ [तमिलनाडु और पोंडेचेरी] द्वारा अयोजित सामाजिक सरोकार का कार्यक्रम ८ वां वचन आयोजित किया गया | समारोह का आरंभ भगवान परशुराम जी कि पूजा अर्चना से हुआ | मुख्य अतिथि और सभी विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वल्लित कर समारोह का आरम्भ किया गया | स्वागत गीत ऐ मालिक तेरे बंदे हम श्रीमती प्रिया शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया | आरंभ में स्वागत भाषण अध्यक्ष मदन मोहन रंगा द्वारा दिया गया | स्वागत भाषण की दूसरी कड़ी में मार्ग दर्शक बृजगोपाल आचार्य का उदबोधन हुआ उन्होंने तमिलनाडु और पुरे भारत के विप्र बंधुओ की एकता के लिए आह्वान किया | सभी अतिथियों का नाम जोड़ कर कविता स्वागत में कविता प्रस्तुत की गयी | उन्होंने अन्तराष्ट्रीय संयोजक सुशील ओझा के प्रशंसनीय कार्य के लिए सभी उपस्थित जन समूह को खड़े होकर तालियों के गडगड़ाहट से उनका स्वागत करने को कहा | सभी अतिथियों का क्रमवार स्वागत सम्मान शाल और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर किया गया |
तत्पश्चात अन्तराष्ट्रीय संयोजक सुशील ओझा ने ब्राह्मणों के एकता साथ ही विप्र फाउंडेशन का पूरा व्योरा प्रस्तुत किया | उन्होंने विफा स्थापना से लेकर ४ महा कुम्भो की सफलता के इतिहास को दोहराते हुए ५ वां महाकुंभ सूरत में २० दिसम्बर २०१५ को अयोजित किया गया है सूचना सभी को देते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होने का निवेदन किया | उन्होंने बडे ही स्पष्ट शब्दों में कहा ब्राह्मणों को एक दूसरे की आलोचना छोड़ देनी चाहिए उत्थान और एकता स्वतः हो जायेगी और हम कामयाबी के शिखर पर वर्चस्व बनाए रखेंगे | संत शिरोमणि रामसुख दास जी द्वारा वर्षों पहले भ्रूण हत्या रोकने की मुहीम को ८ वां वचन के रूप में प्रस्तुत करने विस्तार से लोगो में जाग्रति कायम करने राष्ट्रीय महिला आयोग के पूर्व अध्यक्षा श्रीमती ममता शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा बेटी और बेटो में भेदभाव नहीं रखे और बेटियों का स्थान महत्वपूर्ण होगा तो देश बचेगा | उन्होंने पुरुष और महिलाओं को अपने संकीर्ण मानसिकता को त्याग कर बेटियों के अधिकारों को बढ़ाने की सिफारिश की | विफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धर्म्नारायण जोशी के अपने उदबोधन के ब्राह्मणों की एकता के लिए विफा द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों को उत्तम बताया और विफा जोन १७ द्वारा आयोजित कार्यक्रम के लिए पूरी टीम को बधाई दी | इस कार्यक्रम के समर्थन में पधारे कर्नाटक विफा जोन १८ के अध्यक्ष मणिशंकर ओझा , कर्नाटक और तामिलनाडू के प्रभारी जगदीश आचार्य का भी स्वागत किया गया | मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने अपने उदबोधन में विफा जोन १७ द्वारा अयोजित इस सामाजिक सरोकार कार्यक्रम को सराहनीय कदम बताया और कहा देश में दहेज प्रथा का अंत नहीं होगा तो बेटियों पर अत्याचार नहीं रुकेगा | सभी उपस्थित जनसमूह को उन्होंने भ्रूण हत्या रोकने को सामाजिक आवश्यकता बताई |उन्होंने कहा सभी विप्र बन्धु इसी प्रकार कार्यक्रमों के माध्यम से एकत्रित होते रहे
और एकता को कायम रखे |
सभागार में उपस्थित कुछ खास व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया जिसमे प्रमुख श्री जमुनादास सेवग, श्री दिनेश व्यास , कवि प्रहलाद श्रीमाली , श्री किशनसिंह राजपुरोहित चंपाखेडी और शिवकाशी से पधारे श्री मांगीलाल जी शर्मा और श्री चंपालाल ओझा का नाम प्रमुख है | सभी को शाल ओढा कर विफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्तराष्ट्रीय संयोजक सुशील ओझा द्वारा सम्मानित किया गया | विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवारीलाल जी सोती ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विफा जोन १७ की पुरी टीम को सराहना करते हुए मार्गदर्शक बृजगोपाल आचार्य और अध्यक्ष मदन मोहन रंगा, महासचिव कर्णसिंह थाकुराला , कोषाध्यक्ष अशोक सायला के प्रयासों के लिए उन्हें बधाई दी | उन्होंने कहा विफा के सभी जोन इसी प्रकार के कार्यक्रम करते जायेंगे तो पुरे भारत में एकता को कायम करना कोई कठिन कार्य नहीं है | कवी सम्मलेन के आरम्भ से पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा ने कई रचनाये पढ़ी और तालियाँ बटोरी | कवी सम्मेल्लन २ घंटे के कार्यक्रम में डॉ सीता सागर ने भाई बहनों, बेटियों के महत्व पर कविता और गीत सुना कर सभी को भाव विहोर कर दिया | सुरेन्द्र शर्मा ने हास्य व्यंग के माध्यम से घर घर की कहानी , माँ बाप के दर्द , बेटियों के महत्व पर काफी कविताएं प्रस्तुत कर लोगे के अंतरमन को टटोला | लोगो ने एक एक मिनिट में तालियों के गडगडाहट से पूरे सभागार को गूंजा दिया | बेटियों के मर्म की दास्तान को दोनों कवियों ने अपने अपने ढंग से रखा |
आठवां वचन के राष्ट्रीय प्रभारी श्री राजेंद्र जोशी ने अभियान की संक्षिप्त पृष्ठभूमि को अत्यन्त ही प्रभावी वक्तव्य से प्रस्तुत किया | उन्होंने बताया कि आने वाले छह महीनों में विफा का यह अभियान राष्ट्रीय क्षितिज पर जगमगाता नजर आयेगा |
समारोह को सफल बनाने में सह सचिव नन्दलाल सारस्वत , महावीर ओझा , अशोक सारस्वत , भंवरलाल शर्मा , गोपाल आचार्य , राजू उपाध्याय , नेमीचंद शर्मा , कमल शर्मा , गोपाल व्यास की प्रमुख भूमिका रही | मंच पर बेटी बचाओ अभियान के तहत अलग अलग वेशभूषा में हमें मत मारो , हमें जीने का अधिकार दो , बेटियों को बचाओ नामक तख्तियां लिए कई छोटी छोटी बच्चियों ने भाग लेकर भ्रूण हत्या रोकने के समर्थन में अपनी बात मंच पर कही और नारे लगाये | समारोह का संचालन बलराम शर्मा द्वारा किया गया | काफी महिलाए उपस्थित रही जिनमे विजय लक्ष्मी आचार्य ,अनुपमा रंगा , कृष्णा व्यास , श्रीमती सरला मंगल , रुपाली रंगा , श्रीमती जया चौबे , श्रीमती राजू उपाध्याय ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सक्रीय योगदान दिया |