दिल्ली 5 मई 2021। कोविड के इस कठिन दौर में जहाँ नित्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करना दुभर हो रहा है वहीं जिन्हें बेटी ब्याहनी हो उनके सामने तो जैसे चिन्ताओं का पहाड़ खड़ा हो। ऐसे अर्थ विपन्न ब्राह्मण परिवारों को कुछ राहत मिल सके, इस उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन दिल्ली में विप्र फाउंडेशन ने शगुन नामक कन्या विवाह सहयोग योजना का शुभारंभ किया। यह संकल्प लिया गया कि हम ऐसे 100 जरूरतमंद परिवारों की बेटी के विवाह में शगुन स्वरूप 21000/- की राशि भेंट करेंगे जिसका उपयोग वे शादी के खर्च में अपनी आवश्यकता अनुसार करने को स्वतंत्र होंगे। ब्राह्मणों ने यह भी तय किया कि 11 सफाई कर्मियों की बेटियों के विवाह में भी शगुन राशि प्रदान कर हम सामाजिक समरसता के अपने मूल मंत्र को सार्थक करेंगे। इस महत्ती प्रकल्प के क्रियान्वयन का संपूर्ण दायित्व महिला प्रकोष्ठ को सौंप कर विप्र फाउंडेशन ने नारी के प्रति अपने सम्मान व विश्वास को पुनः प्रतिपादित किया है। शगुन प्रकल्प की तीन सदस्यीय केंद्रीय समिति (सोनाली शर्मा-रायपुर, चन्द्रकान्ता शर्मा-दिल्ली और विमला शर्मा-सवाई माधोपुर) के संयोजन में इस प्रकल्प को सफलता के साथ, पारदर्शिता के साथ संचालन करने हेतु महिला प्रकोष्ठ की हमारी बहनें उसी दिन से तत्परतापूर्वक जुटीं है। चूँकि यह सामूहिक विवाह आयोजन करने का प्रकल्प नहीं अतः जिनके घर में विवाह है उनसे निर्धारित आवेदन प्राप्त कर उसका सत्यापन कर हम उसे मुख्यालय भेज देते हैं। वहाँ से बेटी के अभिभावक के बैंक खाते में सीधे राशि ट्रांसफर करवा कर या चेक भेज कर स्थानीय ईकाई के माध्यम से उन्हें पत्र भेंट करके सूचित कर दिया जाता है। हमारी यह कोशिश है कि शगुन राशि हेतु स्वीकृत आवेदनों में जोनल से व संवर्गीय संतुलन भी यथा सँभव रहे। इस राशि के निमित्त धन संग्रह अभियान जारी है। विप्र फाउंडेशन के विप्र केयर में राशि जमा होने के उपरांत मुख्य कार्यालय से दानदाता को रसीद सीधे प्रेषित कर दी जाती है। पाँच हजार व इससे अधिक राशि के दाताओं की चित्रमय जानकारी भी क्रियेटिव के रूप में भेजें यह कोशिश रहेगी। हम शगुन प्रकल्प के बाबत प्राप्त राशि व खर्च राशि का ब्यौरा भी प्रति माह सार्वजनिक करते रहेंगे जिससे लोगों को प्रेरणा मिले व पारदर्शिता बनी रहे। विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ यह विराट प्रकल्प संचालित करने की हिम्मत जुटा सकी इसके पीछे सबसे बड़ी ऊर्जा आपका विश्वास व सहयोगी प्रवृत्ति है। विप्र फाउंडेशन ने इस प्रकल्प को फुल प्रूफ व परम उपयोगी बनाने की पूरी कोशिश की है फिर भी सुधार या यूँ कहें और उन्नत बनाने का क्रम तो हमेशा जारी रहता ही है। आप सुझाव भी देते रहें, सहयोग भी करते रहें। देश भर से मिल रहे समर्थन से हम अभिभूत हैं, आप सबका अभिनन्दन।