मुंबई 9 अप्रैल 2019। विप्र फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मणों की संस्था है। इसकी स्थापना 2009 में कोलकाता में हुई और संस्था के संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा है जो राजस्थान के बीकानेर के मूल निवासी है। संस्था मूलभूत तीन उद्देश्य को लेकर कार्यरत है जिनमें राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और स्वजातीय गतिशीलता है। संस्था ने उच्च शिक्षार्थ समाज के करीब 140 जरूरतमंद विद्यार्थियों को ब्याज रहित सहयोग राशि दे चुकी है जोकि विद्यार्थी अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद किस्तों में वापस कर सकता है। ब्रम्ह संस्कार से प्रेरित अब तक 38 विद्यार्थियों ने अपनी राशि लोटा भी दी है। विप्र शिक्षा निधि के तहत हर रोज कम से कम 11000 रुपए विप्र फाउंडेशन को सदस्यों द्वारा जमा कराया जा रहा है यह शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अद्भुत प्रयोग साबित हुआ है। जहां लेने वालों से अधिक देने वालों कतार है। सभी दानदाताओं को विप्र फाउंडेशन अभिनंदन करता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामूहिक बीमा योजना के अंतर्गत हेल्थ कार्ड संस्था द्वारा वितरित किये जा रहे हैं। अब तक 10000 परिवार को इससे जुड़ चुके है। संस्था ने स्वास्थ्य प्रकल्प के अंतर्गत श्रीवृद्धि करते हुए अभी “आरोग्य साथी” प्रोग्राम प्रारंभ किया है जिसके तहत रू. 25 से 250 प्रतिदिन भाड़े पर मिलने वाले उपकरणों को मात्र रू. 1 प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देती है। संस्था की गतिविधियों में संस्था अब तक कोलकाता गुवाहाटी दिल्ली जयपुर और सूरत में 5 विप्र महाकुंभ कर चुकी है इन विप्र महाकुंभों में लाखों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इतना ही नहीं इन महाकुंभों में अलग-अलग पार्टियों से प्रितिष्ठ ब्राम्हण राजनेताओं ने भी शिरकत की। इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आठवां वचन विप्र फाउंडेशन का एक प्रकल्प है जिसके तहत राजस्थान और हरियाणा में अनेकों कार्यक्रम हो चुके हैं। कैरियर काउंसलिंग के तहत करीब 5000 बच्चे निशुल्क लाभान्वित हो चुके हैं। इसी तरह से सीखो और कमाओ के तहत हजारों बच्चे घर बैठे ट्रेनिंग लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। संगठनात्मक हिसाब से अब तक 17 राज्यों में इस संस्था की प्रादेशिक कार्यकारिणी बन चुकी है और गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही है एवं और जिला व तहसील स्तर पर संस्था अग्रसर हैं।