हनुमानगढ़, १3 मई २०१८। विप्र फांउडेशन हनुमानगढ़ जिला महिला प्रकोष्ठ एवं युवा प्रकोष्ठ द्वारा हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित दुर्गा मंदिर धर्मशाला में “मातु पूजन व वंदना” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष डा. नीलिमा गौड़, विप्र फाउंडेशन के प्रदेश महामंत्री दिनेश दाधीच, जिलाध्यक्ष कालूराम शर्मा, जिला महामंत्री गिरिराज शर्मा, युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष निपेन शर्मा आदि द्वारा भगवान श्री परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई। कार्यक्रम में पंडित बृजकिशोर तिवाड़ी के सानिध्य में पुत्रों द्वारा अपनी-अपनी माताओ की चरण वंदना एवं पूजा अर्चना की गई । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री दिनेश दाधीच ने कहा कि माँ का स्थान जीवन में ईश्वर से पहले आता है हर एक को माँ के चरणों की वंदना करनी चाहिए। जिलाध्यक्ष नीलिमा गोड़ ने सभी माताओ का स्वागत किया और कहा कि महिला प्रकोष्ठ द्वारा ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जाते रहेंगे एवं विप्र फाउंडेशन द्वारा जो भी बच्चो व महिलाओं के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं उनका लाभ हनुमागढ़ जिले को दिलाया जाएगा। जिलाध्यक्ष कालूराम शर्मा ने कहा कि अपने माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करने से ईश्वर भी प्रसन्न होते है तथा माँ के आशिर्वाद को भगवान भी जुठला नही सकता। युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष निपेन शर्मा ने कहा कि धरती पर आने का एक ही रास्ता है वो है माँ, जब कि मरने के हजार रास्ते है। माँ धरती पर ईश्वर के समान है। जिला महामंत्री गिरिराज शर्मा ने बताया कि आने वाली गुरु पूर्णिमा पर भी विप्र फाउंडेशन द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ सुमन चावला, डॉ ज्योति धींगड़ा, डॉ किरण यादव, डॉ शिप्रा शर्मा, डॉ पूनम शर्मा, डॉ रेणु सेतिया, रेणु चौधरी, श्री मति भगवती पुरोहित, विप्र फाउंडेशन के प्रदेश महामंत्री एल. डी. तावनिया ने विचार रखते हुए जीवन मे माता की महता पर प्रकाश डाला। पंडित गिरिराज शर्मा व भारतभूषण कौशिक ने मंच संचालन करते हुए माँ शब्द का जीवन मे महत्व बताया। कार्यक्रम में डॉ ब्रजेश गोड़, डॉ प्यारेलाल शर्मा, डॉ प्रेमरत्न महर्षि, डॉ झमनलाल पाईवाल, डॉ रूपचंद शर्मा, विकास भनोत, पुरषोतम सोनी, विकास शर्मा , आनद शर्मा, भगीरथ सारस्वत, भंवर सारस्वत, नरेश कौशिक, हरिमोहन महर्षि सहित सेंकडो की संख्या में विप्रबंधु उपस्थित थे।