कोलकाता, 19 मार्च 2020। वैश्विक महामारी कोरोना से तृस्त भारतवासियों की तरफ से विप्र फाउंडेशन ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान सरकार की कुछ बाध्यताओं की तरफ खिंचा है। विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में लिखा है कि अपनी जान पर कोरोना का खतरा होने के बावजूद भी भारतीय नागरिक सरकारी बाध्यताओं के चलते कार्यस्थलों पर जाने के लिए मजबूर है। > अर्थव्यास्था पहले से ही दवाब में है, > आर्थिक वर्ष समापन में १२ दिन शेष है, > बैंकों की किश्त देनी ही पड़ेगी, > व्याज की रकम चुकानी ही पड़ेगी, > अनेक प्रकार के टैक्स के पेमेंट भी इसी महीने करने है, > अगर समय से रिटर्न या पेमेंट नहीं हुआ तो पेनाल्टी का भार भी वहन करना पड़ेगा। श्री ओझा ने पत्र द्वारा प्रार्थना की है कि आज यानि १९ मार्च को श्री मोदीजी के राष्ट्र के नाम सन्देश में उपरोक्त विषयों पर छूट की घोषणा करें और वित्त वर्ष को एक माह बढ़ाने की घोषणा करें। साथ ही इस महीने का बैंक ऋण का व्याज, सरकारी शुल्क, बिजली बिल, पानी बिल सहित किसी भी तरह का दण्ड की पूर्णतया छूट हो।