नई दिल्ली, 9 दिसम्बर 2019। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इण्डिया में आयोजित विप्र सांसदो के समरसता के पुजारी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। देश में बढ़ते दुष्कर्म के मामले एनकाउन्टर अथवा कैन्डल मार्च से खत्म अथवा कम नहीं होने वाले। इस तरह की जघन्य घटनाएं समाज में तेजी से फैल रहे सांस्कृतिक प्रदूषण का नतीजा है। कैन्डल मार्च, एनकाउंटर तो रोष की तात्कालिक अभिव्यक्ति मात्र है, स्थायी उपाय नहीं। देश- दुनियां के इन हालातों को बदलने के लिए समाज को संस्कारवान बनाना होगा तभी ऐसी घटनाओं पर पूर्ण विराम लग सकता हैं। विप्र फाउंडेशन ने सम्पूर्ण समाज को संस्कारित बनाने का बीड़ा उठाने का निर्णय किया हैं। विप्र फाउण्डेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने सोमवार को दिल्ली के सम्मान समारोह में बोलते हुए ये घोषणा की। ओझा ने बताया कि विप्र फाउंडेशन इसके लिए देशभर में संस्कारोदय शिविरों का आयोजन करेगा। इन शिविरों में सर्व समाज के लोग भाग ले सकेंगे। विशेष रूप से बच्चों को संस्कारित करने के लिए स्कूलों में भी इस तरह के आयोजन किये जायेंगे। समारोह को संबोधित करते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद चन्द्रप्रकाश जोशी ने कहा कि वर्तमान में सर्वे भवन्तु सुखिनःके ध्वजवाहक देश के ब्राह्मण वर्ग को आगे आकर और अधिक तेजस्वी व ओजस्वी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने विप्र फाउण्डेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभिन्न नवाचारों के साथ संस्था देश भर में बहुत अच्छा काम कर रही है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर. के. ओझा ने आह्वान किया कि ब्राह्मण वर्ग संगठित होने के प्रति अपने उदासीन रवैये से बाहर आकर एकता के प्रयासों में सहयोगी बने। समारोह की अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीरप्रसाद शर्मा ने की जबकि संचालन कुलदीप राजपुरोहित ने किया। राष्ट्रीय महामंत्री सुनील शर्मा सीए व पवन पारीक ने राजधानी शाखा के नव नियुक्त पदाधिकारियों पी. डी. शर्मा अध्यक्ष, संजय शर्मा महामंत्री व कुलदीप राजपुरोहित को कॉर्डिनेटर के नामों की घोषणा की। इस अवसर पर हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, ममता शर्मा, बाबूलाल पारीक, कुलदीप वशिष्ट ने उपस्थित सांसदों को स्मृति चिन्ह देकर समरसता के पुजारी सम्मान से सम्मानित किया। इनमे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, सांसद रामचरण वोहरा, रविकिशन, जुगलकिशोर शर्मा, हरीश द्विवेदी, अनुराग शर्मा, अजय मिश्रा, विजय दुबे, शिवप्रकाश शुक्ल, सत्यदेव पचौरी, रीति पाठक, रमेश कौशिक, बी.डी. शर्मा, सुब्रत पाठक, डी. पी. वत्स, समेत 25 सांसद शामिल थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में दिल्ली, एन. सी. आर, हरियाणा व राजस्थान के प्रमुख विप्रजन उपस्थित थे।