दीपावली की रामा-श्यामा करने हम जब श्री कुलदीप राजपुरोहित के कार्यालय पहुंचे तो हमें अपने यहां आया देख अपनत्व से कुलदीपजी की आँखें भर आयी। हमारा खूब लाड लडाया, आत्मीय स्वागत सत्कार किया। हमने हँसी-ठट्ठों के बीच पुरानी यादें ताजा की, सामाजिक चर्चाएं की। कुलदीपजी ने कहा कि सुशीलजी भाईसाहब को सदा अपना ज्येष्ठ भ्राता माना और विप्र फाउंडेशन को परिवार। किसी विषय को लेकर भले ही कुछ समय दूर रहा लेकिन मन से अलगाव कभी नहीं हुआ। कुलदीप भाई राजपुरोहित ने कहा कि आज समय की मांग है कि ब्राह्मण एकजुटता का परिचय दें अन्यथा शासन, प्रशासन, राजनीति हर क्षेत्र में समाज को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए आप सब के आग्रह को स्वीकार करते हुए समाज के व्यापक हितार्थ देश की स्वनामधन्य संस्था विप्र फाउंडेशन में फिर से सक्रिय हो रहा हूँ। सुशील ओझा जी की अगुवाई में हम शानदार काम करेंगे। इस भावुक मौक़े पर श्री सुशील ओझा ने कहा कि हम सभी इंसान ही तो हैं किसी से भी कोई भी चूक हो ही सकती है। लेकिन इसे गलती बनने से पहले सुधारने में ही समझदारी है। व्यक्तियों के निजी अहंकार से समाज नहीं पिछड़ना चाहिये। इस अवसर पर उपस्थित श्री भरतराम तिवारी ने कुलदीपजी को उपर्णा ओढ़ाया, पुष्प गुच्छ से सम्मानित कर कहा कि गौभक्त भाई कुलदीप संस्था की प्रगति को और आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे। विप्र फाउंडेशन के गौसेवा प्रकल्पों सहित विभिन्न प्रकल्पों को और सशक्त करने में हमें मदद मिलेगी। श्री तिवारी ने कहा कि स्व को तिरोहित कर समग्र को समाहित करने का प्रयास ही किसी संगठन को मजबूत बनाता है। इस अवसर पर श्री गणेश डोकवाल भी उपस्थित थे।
– राजकुमार व्यास