हैदराबाद, ३ जुलाई २०१६। श्री श्रीकिशन सच्चिदानन्द जोशी मूलरूप से जसरापुर, झुंझुनू के निवासी हैं। झुंझुनू कॉलेज से ही स्नातक होने के बाद १९८८ में आप मुम्बई आ गए। भवन निर्माण एवं सिविल कंस्ट्रक्शन के व्यवसायरत श्री जोशी ब्राह्मण समाज के अग्रणी संगठन विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में उल्लेखनीय सेवायें दी। अत्यन्त ही उदार प्रवृत्ति के श्रीकिशन जी ने जन्मस्थली जसरापुर में पुज्य पिता की स्मृति में एक विशाल स्टेडियम बनाया है। आपको राजस्थान सरकार द्वारा भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। श्री श्रीकिशनजी जोशी ने अनेक कन्याओं के विवाह में योगदान कर अपने सामाजिक दायित्व को निभाया है। दाधीच समाज में भी आपका विशेष योगदान है। गोठमांगलोद में कुलदेवी के सुप्रसिद्ध दधिमाता मंदिर से आप अंतर्मन से जुड़े है यंहा कमरे निर्माण और प्रांगण निर्माण के साथ समय समय पर सहयोग न्यौछावर रहते है। दधीचि सेवायतन, गोठमांगलोद में आप ट्रस्टी है। श्री गोविंदगिरि जी महाराज द्वारा भारतवर्ष में स्थापित किये जा रहे वेद विद्यालय की श्रृंखला में गोठमांगलोद में स्थापित होने जा रहे श्री दधिमती ट्रस्ट के वेद विद्यालय में भी आप ट्रस्टी है। आप मुंबई की यशस्वी संस्था ब्रह्म परिषद् से अन्तर्मन की गहराईयों से जुड़े हैं। विप्र फाउंडेशन की स्थापना से आप जुड़े हैं तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में है। आप बौद्धिक रूप से भी खूब सम्पन्न है। आपकी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी ने देश के अनेक शहरों में प्रेस्टिजियस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य किया है। आपको विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक जैसे महत्त्वपूर्ण दायित्व के लिये बधाई व शुभेक्षाएँ।