सूरत, 15 सितम्बर 2016 । सूरत में प्रस्तावित विप्र चेतना के पाँचों अग्रणी शहरों में,जहाँ विप्र महाकुंभ के आयोजन हुए हैं, वहां संगठन को स्थायित्व, शिक्षा और स्वावलम्बन की दिशा में युवाओं को निरन्तर मार्गदर्शन तथा गतिविधियों को विस्तार करने के लिए निज स्थान लेकर विप्र फाउंडेशन के ऐसे केन्द्रों का निर्माण किया जाये। श्रीजग्गनाथपुरी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में उपरोक्त प्रस्ताव को पारित कर संकल्प लिया गया । इसी संकल्प के तहत सर्वप्रथम कोलकाता में अक्षय तृत्तीया, श्री परशुराम जयंती के दिन विप्र फाउंडेशन मुख्यालय, अतिथि गृह, कौशल विकास केन्द्र, कैरियर काउन्सिलिंग सेन्टर, उद्यमिता प्रशिक्षण हेतु निर्माण कार्य के निमित शरत बोस रोड स्थित एक इमारत के दो फ्लोर, जिनका कुल एरिया लगभग ३५०० स्क्वायर फुट होगा, का सौदा कर लिया गया।
इसी क्रम में कोलकाता के बाद सूरत में भी सूरत के ह्रदय स्थल पर नई बिल्डिंग खरीदी गयी है। विप्र फाउण्डेशन जोन-15 के सचिव श्री दिनेश शर्मा (दाड़ी) ने बताया कि लगभग 1 करोड़ की लागत से दो मंजिल का भव्य भवन हेतु नई बिल्डिंग लेने का महति कदम उठाया है। लगभग एक साल पूर्व अस्तित्व में आई सूरत ईकाई ने शानदार विप्र महाकुंभ और फिर उसके नवनीत स्वरूप अनेक छोटे बड़े कार्यक्रमों के उपरान्त अब एक साल की अवधि में ही सेवा कार्यों को विस्तार और अमरत्व प्रदान करते हुए *भवन निर्माण* का बीड़ा उठाया है। गुजरात इकाई के श्रद्वये श्री घनश्याम दास जी सेवग, श्री सांवरमल जी माटोलिया, श्री दिनेश जी शर्मा, प्रेम जी जोशी सहित गुजरात राज्य की विफा इकाई के प्रत्येक कार्यकर्ताओ की दृढ़ इच्छाशक्ति ने एक नया आयाम स्थापित किया है इस अनुपम उदाहरण से प्रत्येक राज्य व जिला विफा इकाइयों को प्रेरणा मिलेगी और नवीन इतिहास का होगा। निसंदेह सूरत भवन गुजरात के विप्र समाज ही नहीं अपितु पुरे देश के विप्र समाज के गौरव का प्रतीक बनेगा।