मुंबई, 27 अप्रैल 2017। जय भृगुनन्दन !
हे ब्राह्मणत्व साकार राम, हे क्षत्र कर्म अवतार राम, हे वर्णाश्रम के आधार राम, हे युग के जय जयकार राम, तेरे चरणों में पालागन, तेरे चरणों में नमस्कार – श्यामनारायण पाण्डेय।
वैशाख शुक्ला तृतीया को भगवान श्री परशुराम की जन्म तिथि है। देशभर में उत्साह का वातावरण सृजित होता जा रहा है। महेन्द्राचल पर तपस्यारत भगवान श्री परशुराम का जन्म उत्सव मनाने हेतु समस्त विप्रजनों का जोश चरम पर है। विप्र फ़ाउण्डेशन राष्ट्रीय दृष्टि से श्री परशुराम जयन्ती पर्व मनाने को प्रस्तुत है। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक ऐसा आनन्दमयी वातावरण उपस्थित हुआ है जिसकी वर्षों से हमें प्रतीक्षा थी। संस्था के कार्यकर्ताओं की प्रणम्य मेहनत से भूदेवों में अपूर्व जागृति परिलक्षित है। विप्र फ़ाउण्डेशन की विभिन्न शाखाओं द्वारा पूजन, यज्ञ, प्रीति भोज, शोभायात्रा, प्रवचन, सांस्कृतिक अनुष्ठान, समरसता सम्मेलन, गौ सेवा, नुक्कड़ नाटक, रक्त दान, जनहित कार्य जैसे विविध आयोजन आयोजित हैं। विप्र फ़ाउण्डेशन ने आह्वान किया था कि ब्रह्म समाज समस्त सीमाओं से ऊपर उठ कर, एकजुट होकर जयन्ती मनाए। ऐसा होता दिख रहा है। सुपरिणाम आने लगे हैं। युवाओं की जागरूकता सुखद अहसास देने वाली है। समाज का एकत्व स्वरूप और अधिक सशक्त हुआ है। यह समाज एवं राष्ट्र के लिए शुभ संकेत है। ब्राह्मण जगेगा तो राष्ट्र जगेगा। आइए, लोकमंगल की भावना के साथ चिरंजीवी भगवान श्री परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाएँ। भारत को फिर से विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में आगे बढ़ें।
जय जय श्री परशुराम।
–श्रीकिशन जोशी,
राष्ट्रीय संयोजक विप्र फ़ाउण्डेशन