उदयपुर 12 अगस्त २०१८। महाराणा मेवाड महेन्द्रसिंह मेवाड ने सर्व समाज में विप्र फाउण्डेशन की सोच की सराहना करते हुए कहा कि आज इंसानियत की शिक्षा की जरूरत है। जब तक हमारा एक दूरे के प्रति सम्मान का व्यवहार नहीं होगा तब तक समाज सुधार की कल्पना नहीं की जा सकती । व्यक्ति का कर्म सही होना चाहिये। महाराणा मेवाड महेन्द्रसिंह रविवार को ओपेरा गार्डन में सर्वसमाज की ओर से आयोजित विप्र फाउण्डेशन के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी के अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने धर्म और अधर्म की परिचर्चा करते हुए मेवाडी में बोलते हुए कई उदाहरण दिये। महाराणा ने सर्व समाज को साथ लेकर चलने की सीख देते हुए कहा कि प्रत्येक समाज एक दूसरे के पूरक है। जैसे ब्राह्मण का काम ज्ञान देना है, वैसे ही क्षत्रिय का शस्त्र का कर्तव्य है इसी तरह अन्य समाज भी इस सृष्टि की कडी है किसी को अभिमान व घमण्ड नहीं करना चाहिये। बढती हुई जनसँख्या पर भी उन्होंने चिन्ता व्यक्त की । समारोह की अध्यक्षता करते हुए विप्र फाउण्डेशन के संस्थापक संयोजक सुशील जी ओझा ने विप्र फाउण्डेशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “सर्वे भवन्तु सुखिन:” की मंगल कामना और उन्नत समाज, समृद्ध राष्ट्र के ध्येय वाक्य को लेकर इस संगठन की नींव रखी गई है और उसी के अनुरूप फाउण्डेशन अपने कार्यक्रमों को क्रियान्वयन कर रहा है। ओझा ने कहा कि विप्र फाउण्डेशन संगठन ब्राह्मणों का है लेकिन सर्व समाज के हित की सोच रखता है। उन्होंने जातियता को लेकर बनी चिंताजनक स्थिति को खतरनाक बताते हुए कहा कि हमारा प्रयास समरसता का भाव फिर से पैदा करने का है। हम समाज के नाम पर केवल वोट बैंक की राजनीति नहीं करना चाहते। विप्र फाउण्डेशन ने तो कैरियर काउंसिल जैसी अनेक योजनाएं चला रखी है, जिसका लाभ सर्व समाज के बच्चे प्राप्त कर रहे है। विप्र फाउण्डेशन के संस्थाक संयोजक सुशील ओझा ने शिक्षा पर जोर देते हुए बताया कि 3600 तरह के कोर्स है अगर हम अपने बच्चो को आगे बढाना चाहते है तो इतने कम विकल्प नहीं है। उन्होंने इस अवसर पर विप्र फाउण्डेशन की शिक्षा निधि, सारथी योजना और आंठवा वचन आदि योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि विप्र फाउण्डेशन के इन कार्यक्रमों एवं योजना की सर्वत्र सराहना हुई है। केन्द्र सरकार तक ने हमारी योजनाओं को अपनाया है। ओझा ने इस अवसर पर विप्र फाउण्डेशन के नव नियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी का अभिनंदन करते हुए कहा कि मेवाड के इस लाडले ने जो गौरव प्राप्त किया है वह केवल विप्र समाज के लिये ही नहीं अपितु पूरे मेवाड के लिये गर्व की बात है । विप्र समाज तो इनके नेतृत्व से गौरवान्वित है ही जोशी समाज को आगे ले जायेगें एैसा उन्हें पूर्ण विश्वास है। प्रारंभ में अतिथियों ने भगवान परशुराम जी की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । पंडितो ने मंगलाचरण व स्वस्तिवाचन किया। प्रारंभ में विफा के शहर जिलाध्यक्ष हिम्मतलाल नागदा, देहात जिलाध्यक्ष जगदीश मेनारिया, प्रदेश महासचिव लक्ष्मीकांत जोशी, सह संयोजक राधेश्याम सिखवाल, नरेन्द्र पालीवाल व प्रवक्ता विजय प्रकाश विप्लवी ने अतिथियों का माला, उपरणा पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम संयोजक व विप्र जोन-1ए के अध्यक्ष के.के.शर्मा ने स्वागत भाषण करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। शिक्षाधिकारी सुरेन्द्रसिंह राव ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्व समाज की समरसता की प्रासंगिकता को प्रतिपादित किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुवीरसिंह मीणा, क्षत्रिय समाज के मनोहरसिंह कृष्णावत, तेजसिंह बांसी, उपमहापौर लोकेश द्विवैदी, युवा शाखा के प्रदेशाध्यक्ष विकास शर्मा सहित कई अन्य वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए विप्र फाउण्डेशन के कार्यो व प्रगति विवरण पर संतोष व्यक्त करते हुए नव निर्वाचित अध्यक्ष जोशी को बधाई दी। समारोह में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पारस सिंघवी, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्टा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपालकृष्ण शर्मा, देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला, भाजपा नेता मांगीलाल गरासिया, पूर्व पार्षद प्रभुदास पाहुजा, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष रामकृपा शर्मा, पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र नागदा, प्रवीण खण्डेलवाल, कोटा वि.वि. के पूर्व कुलपति मधुसुदन शर्मा, सहित मेवाड वागड से आये कई लोगो ने जोशी का अभिनंदन किया। अपने धन्यवाद उद्बोधन में विफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी ने कहा कि वे सदैव एक कार्यकर्ता की भूमिका में रहे है उनके मित्र व शुभचिन्तक ही उनकी शक्ति है और उसी के सहारे व हर दायित्व को पूर्ण करेगें। संयोजक के.के.शर्मा ने व विनायक जोशी ने आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मीकान्त जोशी ने किया । समारोह में उदयपुर के विभिन्न समारोज संगठनो प्रतिष्ठानों व राजनीतिक दलो के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।