दिल्ली, 1 नवंबर 2018। वैश्विक संगठन विप्र फाउंडेशन ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में दोनों मुख्य राजनैतिक पार्टियों से राजस्थान में ब्राह्मण समाज की कुल आबादी के हिसाब से ४०-४० सीटों पर ब्राह्मणों को टिकट देने की मांग की है। इस सम्बन्ध में विफा पदाधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन लाल जी सैनी, श्रीमती विजया राजे सिंधिया, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गाँधी, महामंत्री श्री अशोक गहलोत, श्री अविनाश पांडे, सुश्री शैलजा, प्रदेश अध्यक्ष श्री सचिन पायलट को ज्ञापन सौंपा और अपने अपने घोषणा पत्र में ब्राह्मण समाज की गयारह सूत्री मांगों को शामिल करने का ज्ञापन दिया। ११ सूत्रीय मांगें ये है : १) वेदलक्षणा गौ माता में ही भारत का सुनहरा भविष्य निहित है। इनकी रक्षा, पोषण व संवर्धन हेतु सर्वविध उपाय किये जायें। गौ वंश की सेवा करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा विशिष्ट गौ सेवक सम्मान से सम्मानित किया जाये। गोचर भूमि को कब्जा मुक्त करवाते हुए गौमाता के निमित्त ही इसका उपयोग सुनिश्चित किया जाये। २) आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण समाज के लिये १४ प्रतिशत आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू किया जाये। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किया जाये। ३) राजस्थान की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहरों के संरक्षण, संपोषण, संवर्द्धन हेतु एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाये जिसमें प्रदेश के सम्मानित संतो का पर्याप्त व प्रभावी प्रतिनिधित्व हो। ४) बालिकाओं की शिक्षा सरकारी व निजी क्षेत्रों में पूर्णतया निःशुल्क हो तथा इनकी सुरक्षा व स्वावलम्बन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। ५) अनारक्षित वर्ग के युवाओं को उद्योगों की स्थापना हेतु सरकार द्वारा रियायती दरों पर भूमि एवं न्यूनतम व्याजयुक्त ऋण की व्यवस्था करवायी जाये। लघु उद्यमियों को १० लाख की राशि तक का व्याज रहित ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाये। ६) मंदिरों से संबंधित लंबित मामलों के त्वरित निपटारे हेतु कदम उठाये जायें। ७) ब्राह्मण समाज का एक बड़ा हिस्सा वगैर किसी सरकारी सहयोग के सर्वजन हिताय कर्मकाण्ड, ज्योतिष, आयुर्वेद आदि की शिक्षा प्राप्त करके अपनी आजीविका चलाता है। अतः सरकार द्वारा उपरोक्त विषयों के निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये। ८) राजस्थान राज्य में सरकार द्वारा भगवान परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना कर सहभागिता सुनिश्चित की जाये। सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क पूर्णतया समाप्त किया जाये। ९) अस्पृश्यता व जातिवाद के नाम पर प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों की समीक्षा की जाये। फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। अपराधी की कोई जाति नहीं होती अपराधी सिर्फ अपराधी होता है उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिये। परन्तु अपराध निर्धारण का आधार मात्र आरोप नहीं बल्कि उचित जांच करवाकर किया जाये। १०) गौ, गीता और गायत्री युक्त भारतीय जीवन पद्धति को सम्पुष्ट करने के लिये नीतियों में उपयुक्त परिवर्तन कर संस्कारोदय का मार्ग प्रशस्त किया जाये। ११) देश में कई राज्यों की तर्ज पर राजस्थान में भी ब्राह्मणों के सर्वांगीण विकास हेतु १०० करोड़ के आरंभिक कोष के साथ “विप्र विकास परिषद” की स्थापना की जाये। इस ज्ञापन को देने के लिये विफा के राष्ट्रीय सरंक्षक पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा, महामंत्री श्री सुनील शर्मा, श्री पवन पारीक, राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष श्री देवीशंकर शर्मा, श्री प्रशांत पारीक आदि अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।