कोलकाता, 22 दिसंबर 2018। प्रथमपूज्य श्री गणेश का स्मरण करके जो भी कार्य को प्रारम्भ किया जाता है, वह कार्य निर्बाध रूप से अपने लक्ष्य की ओर निरंतर गतिमान रहता है। इसका जीवन्त उदाहरण है ‘विप्र शिक्षा निधि”। गणेश चतुर्थी, 13 सितम्बर 2018 से प्रारम्भ विप्र शिक्षा निधि के द्वितीय चरण के आज 101 दिन सम्पूर्ण हो चुके है। बड़े ही हर्ष और गौरव का विषय है कि इस अभियान में विप्र भामाशाहों ने बड़े दिल व खुले हाथों से नवयुवकों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में सहयोग का बीड़ा उठाया है। चाहे अवकाश का दिन हो, व्रत-त्यौहार हो, भारत बन्द या हड़ताल हो, आंधी-बरसात हो, हारी-बीमारी हो, आचारसंहिता या चुनाव हो, इस अभियान में हर रोज भामाशाहों ने विप्र शिक्षा निधि में सिंचन किया है। ब्रह्म प्रतिज्ञा स्वरुप इस अभियान को संचालित कर रहे सारथी, हम सब के प्रेरणा स्रोत, विफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, समर्पित समाजसेवी, सम्मानित व्यक्तित्व, सहृदयी, मृदुभाषी, ओजस्वी और हर कार्य को समर्पण भाव और जुनून के साथ निर्वहन करने वाले श्री महावीर प्रसाद सोती, मुम्बई का योगदान प्रणम्य है। इनके प्रयत्नों का ही चमत्कार है कि इस कार्य के लिए किसी को भी किये गये फोन का सकारात्मक प्रति उत्तर ही मिलता है। श्री महावीर प्रसाद जी का विप्र शिक्षा निधि के प्रथम चरण के प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता और द्वितीय चरण में प्रथम दिन से ही अब तक आप जी-जान से लगे हुए है। आपके कृत्य को बारम्बार नमस्कार और नमन। इनके साथ प्रयत्नकर्ता के रूप में राष्ट्रीय सरंक्षक श्री बनवारीलाल सोती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आर. बी. शर्मा, संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा, राष्ट्रीय महामंत्री सीए श्री सुनील शर्मा और श्री भरतराम तिवाड़ी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री गंगाप्रसाद व्यास, श्री नटवरलाल शर्मा, श्री सुरेंद्र शर्मा, श्री शंकरलाल शर्मा और श्रीमती रीना जोपट का योगदान भी सराहनीय है। अब तक आपकी प्रेरणा व प्रयासों से 101 दिन में 108 लोग विप्र शिक्षा निधि से जुड़ चुके है जिनमें शिक्षा स्तम्भ 5, शिक्षा सरंक्षक 4, शिक्षा पोषक 11 और शिक्षा प्रेरक 90 लोग जुड़े है। इस अभियान से जुड़े प्रयासकर्ताओं और दानदाताओं को हार्दिक अभिनंदन। प्रभु कृपा से यह यात्रा यूँ ही अनवरत जारी रहे।