कोलकाता 12 अगस्त 2017। विप्र फाउंडेशन के समन्वयक श्री सुशील ओझा ने संविधान में जोनों के विस्तार का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि चूँकि बहुत से जोन भौगोलिक दृष्टि से बड़े है और कुछ जोनों में ब्राह्मणों की संख्या बहुत ज्यादा होने के कारण आवश्यकतानुसार विस्तार या बदलाव करना आवश्यक हो गया है। केन्द्रिय कार्यकारिणी की साधारण सभा में विफा उद्देश्यों व प्रकल्पों को गति देने के उद्देश्य से जोनों का विस्तार किया गया। सर्व प्रथम विप्र फाउण्डेशन के भारत भर में कुल 18 जोन बनाये गए थे। चूँकि राजस्थान में सर्वाधिक ब्राह्मण है और भौगोलिक दृष्टि से फैलाव भी ज्यादा होने के कारण गत वर्ष जगन्नाथपुरी में आयोजित केन्द्रिय कार्यकारिणी की बैठक में राजस्थान जोन को जोन-1, 1A और 1B में विस्तारित किया गया था। परिणाम स्वरुप इन तीनों जोनों में पिछले साल भर में सर्वाधिक आयोजन हुए। इसी परिणाम को देखते हुए कई जोनों को विस्तारित किया गया। सर्वाधिक राज्यों वाले जोन-8 (आसाम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा) को विस्तारित करके जोन-8 (आसाम), जोन-8A (अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड), जोन-8B (मणिपुर और मिजोरम), जोन-8C (मेघालय और त्रिपुरा) जोन में विस्तार किया गया है। इसी तर्ज पर जोन-11 (पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, उतरांचल) को जोन-11 (पंजाब), जोन-11A (हिमाचल प्रदेश), जोन-11B (जम्मू एंड कश्मीर), जोन-11C (उतरांचल) जोन में विस्तार किया गया है। जोन-12 (महाराष्ट्र और गोवा) विस्तार करते हुए जोन-12 (महाराष्ट्र) और जोन-12A (गोवा) के रूप में विस्तारित किया गया है। दक्षिण भारत में जोन-16 (तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह) में बदलाव करते हुए जोन-16 (तेलंगाना) और जोन-16A (आन्ध्रप्रदेश और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह) के रूप में विस्तारित किया गया है जबकि जोन-18 (केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप) का जोन-18 (कर्नाटक और लक्षद्वीप) और जोन-18A (केरल) के रूप में विस्तार किया गया है।