कोलकाता, 18 सितम्बर 2020 । श्राद्ध पक्ष के अन्तिम दिन पितृ अमावस्या पर देश भर में लोगों ने जहाँ एक ओर अपने पूर्वजों का स्मरण कर तर्पण किया, परिवार में सुख शांति की कामना की, वहीं एक समूह ऐसा भी देखने को मिला, जिन्होंने तर्पण तो किया किन्तु उन मृतात्माओं के कल्याण हेतु, जिनकी कोरोना से मृत्यु होने के चलते स्थापित परम्परा अनुसार अन्तिम संस्कार नहीं हो पाया था। हम बात कर रहे हैं देश में ब्राह्मण समाज की अग्रणी संस्था विप्र फाउंडेशन की। जिसके समर्पित कार्यकर्ताओं ने कल देशवासियों का दिल जीत लिया। भारत के 32 शहरों में अपनी शाखाओं के माध्यम से यह सम-सामयिक आयोजन कर विप्र फाउंडेशन ने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। चतुर्भुज भगवान विष्णु की आराधना कर विधिपूर्वक तर्पण और फिर सर्वात्माओं के कल्याणार्थ संपूर्ण गीता पाठ के दृश्यों ने मन मोह लिया। विप्र फाउंडेशन का यह श्रद्धा-समर्पण उनके प्रति था जिन्हें वे जानते तक नहीं थे और आचार्य के साथ साथ यजमान भी स्वयं ही बने थे। अनेक जगहों पर ऐसे परिवारों ने भी उपस्थित होकर शांति पाठ किया जिन्हें कोरोना से कालग्रस्त हुए अपने परिजनों का विधिवत अंतिम संस्कार नहीं कर पाने का दुःख था। इस आयोजन के राष्ट्रव्यापी महत्व को दृष्टिगत रखते हुए देश की मीडिया ने भी इसे खासा महत्व दिया। आजतक चैनल ने अपने गुजरात तक प्रसारण के माध्यम से इसे समुचित स्थान दिया तो न्यूज18 इंडिया ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम सौ बात की एक बात में विप्र फाउंडेशन के आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर दिखाया। आदरेय पंडित वर्ग ने तीन घण्टा व्यापी इस आयोजन से ना सिर्फ अपने दायित्व का निर्वहन किया अपितु यह संदेश भी दिया कि ब्राह्मण कभी भी एकाकी नहीं सोचता। इस आयोजन से सर्व आत्माओं का कल्याण एवं समाज व राष्ट्र की खुशहाली सुनिश्चित हुई है, इसमें कोई संदेह नहीं।
== प्रकाश चण्डालिया (लेखक देश के जाने माने पत्रकार है। आप लोकप्रिय अखबार राष्ट्रीय महानगर के प्रधान संपादक हैं।)