चीन, म्यमार, नेपाल और भूटान की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे, दुर्गम पहाड़ियों, घने जंगलों, नदियों-झरनों, के मध्य बसे पौराणिक महत्व वाले इस विशिष्ट स्थान को पुन: जागृत करने का युगांतकारी प्रकल्प है परशुराम कुण्ड तीर्थोन्नयन। ईशान कोण का श्रृंगार प्रत्येक भारतवासी को नव ऊर्जा प्रदान करेगा।
यहां इस बार ही मकर सक्रांति पर एक लाख लोग पहुंचे, आने वाले पांच बरसों में तो तीर्थयात्रियों की संख्या पचास लाख होगी, यह तय मानें।
विप्र फाउंडेशन बड़बोलेपन, निजी स्वार्थों, छोटी सोच, हुड़दंग मचाने, किसी को नीचा दिखाने नहीं अपितु समाज के आमजन के गौरव को बढ़ाते हुए सर्वांगीण विकास हेतु काम कर रहा है।
कार्यकर्ता जोखिम उठाकर, रातों की नींद छोड़कर कैसी मेहनत कर रहे हैं आपके सामने है। तभी तो आज पूरे देश में विप्र फाउंडेशन के प्रति लोगों का अपार स्नेह और भरोसा बना है। आशीर्वाद बनाये रखें। आने वाली सदी हमारी है।